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Chanakya Niti Ki Baten। चाणक्य नीति की बातें।

Chanakya Niti Ki Baten। चाणक्य नीति की बातें। 

मस्कार दोस्तों, अभी आप अगले 2 मिनट में Chanakya Niti Ki Baten चाणक्य नीति की बातें जानने वाले है। आप इस Article को शुरु से लेकर अंत तक पुरा ध्यानपुर्वक जरुर पढें।


तो चलिए  इस Chanakya Niti Ki Baten चाणक्य नीति की बातें को शुरु करते है।


Chanakya Niti Ki Baten। चाणक्य नीति की बातें। Excited Indian
Chanakya Niti Ki Baten

चाणक्य अपनी नीति शास्त्र के लिए जाने जाते थे | दूर दूर तक विदेशों में लोग उनकी नीतियों का लोहा मानते थे| यही सुनकर एक बार एक बार एक चीनी दर्शनिक चाणक्य से मिलने भारत आया।



ब वह चाणक्य के घर उनसे मिलने पहुँचा तो उसने देखा की चाणक्य एक ग्रंथ लिखने में व्यस्त थे| उन दिनों बिजली या बल्व नहीं हुआ करते थे| चाणक्य ने तेल भारी डिबिया जला रखी थी और उसी की धीमी रोशनी में वो लिखने में व्यस्त थे |



चाणक्य ने जैसे ही आगंतुक को देखा| उन्होने जल्दी से अपना कार्य समाप्त किया और जो लेम्प अभी जल रही थी उसे बंद कर दी और एक नई लेम्प जला दी| दार्शनिक ने सोचा कि ये भारतीय लोगों का आगंतुक का सम्मान करने का कोई रिवाज़ होता होगा।



सने जिग्यसावश चाणक्य से पूछा की आप ने जलती लेम्प को बंद क्यूँ किया और फिर से नई लेम्प जलाने के पीछे क्या कारण है? क्या यह आपके धर्म में कोई रिवाज़ हैं? चाणक्य ने हस्ते हुए जवाब दिया नहीं श्रीमान यह कोई रिवाज़ या धर्म का हिस्सा नहीं था |



चाणक्य ने कहा कि मैं एक ग्रंथ का स्रजन कर रहा था और उस डिबिया के तेल का जो पैसा है वो मुझे राजकोष से मिला है लेकिन जब मैने लिखने का कार्य समाप्त किया तो उस डिबिया का जलना मेरे देश की संपत्ति का नाश है जो मैं नहीं सह सकता और जो दूसरी डिबिया में जो तेल है वो मेरी खुद की कमाई से खरीदा है| मैं अपने स्वम के कार्य के लिए देश की संपत्ति का हनन नहीं कर सकता|



तना सुनकर चीनी दार्शनिक चाणक्य के आगे नतमस्तक हो गया कि धन्य है ये देश भारत जहाँ इतनी महान सोच वाले व्यक्ति रहते है| इसीलिए भारत को जगद गुरु कहने में कोई दोराय नहीं है|


Chanakya Niti Ki Baten। चाणक्य नीति की बातें। Excited Indian
Chanakya Niti Ki Baten



  • गर कोई इंसान चाणक्य के बताये हुए मार्ग पर चले तो उसे दुनियाँ की कोई भी परेशानी सफल होने से नहीं रोक सकती - चाणक्य


  • दूसरो की गलतियों से सीखो अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ जाएगी - चाणक्य


  • कुबेर भी अगर आय से ज्यादा व्यय करे, तो कंगाल हो जाता है - चाणक्य


  • कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो – मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ? इसका क्या परिणाम होगा ? क्या मैं सफल रहूँगा ? - चाणक्य


  • गवान मूर्तियों में नहीं है, आपकी अनुभूति आपका ईश्वर है, आत्मा ही आपका मंदिर है - चाणक्य


  • व्यक्ति अपने कर्मों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं - चाणक्य


  • दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है - चाणक्य


  • ज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक सामान उपयोगी है - चाणक्य


  • पने रहस्यों को किसी से भी उजागर मत करो। यह आदत आपके स्वयं के लिए ही घातक सिद्ध होगी - चाणक्य


Chanakya Niti Ki Baten। चाणक्य नीति की बातें। Excited Indian
Chanakya Niti Ki Baten



  • किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार और सीधा साधा नहीं होना चाहिए क्यूंकि सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं - चाणक्य

  • र मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है – यह कड़वा सच है - चाणक्य


  • से व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त न बनाओ, वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे, हमेशा सामान स्तर के मित्र ही सुखदाई होते हैं - चाणक्य


  • संसार में न कोई तुम्हारा मित्र है न शत्रु, तुम्हारा अपना विचार ही, इसके लिए उत्तरदायी है - चाणक्य


  • फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है. लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है - चाणक्य


  • सांप के फन, मक्खी के मुख में और बिच्छु के डंक में ज़हर होता है; पर दुष्ट व्यक्ति तो इससे भरा होता है - चाणक्य


  • ह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है, भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर ही क्यों ना हो; लेकिन जो हमारे ह्रदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है - चाणक्य


  • पमानित होकर जीने से अच्छा मरना है, मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है - चाणक्य


  • रिश्रम वह चाबी है, जो किस्मत का दरवाजा खोल देती है - चाणक्य


  • न्द्रगुप्त : किस्मत पहले ही लिखी जा चुकी है, तो कोशिश करने से क्या मिलेगा चाणक्य : क्या पता किस्मत मैं लिखा हो की कोशिश से ही मिलेगा - चाणक्य


  • जो व्यक्ति शक्ति न होते हुए भी मन से हार नहीं मानता, उसको दुनिया की कोई भी ताकत हरा नहीं सकती है - चाणक्य

  • पने ईमान और धर्म बेचकर कर कमाया गया धन अपने किसी काम का नहीं होता, अत: उसका त्याग करें, आपके लिए यही उत्तम है - चाणक्य

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Chanakya Niti Ki Baten



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