Doctor Kaise Bane। डॉक्टर कैसे बने
डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:
Doctor Kaise Bane |
- 10 + 2 उत्तीर्ण करें: डॉक्टर बनने के लिए, आपको 12वीं कक्षा के बाद एक मान्यता प्राप्त बोर्ड से पास होना होगा।
- मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) दें: NEET एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो इंडिया में चिकित्सा कालेजों में प्रवेश के लिए आवश्यक होती है।
- बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड सर्जरी (MBBS) की पढ़ाई करें: MBBS कोर्स एक पांच साल का कोर्स होता है, जो इंडिया के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध होता है।
- इंटर्नशिप प्रोग्राम पूरा करें: MBBS पूरा करने के बाद, एक विशेष अंशकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम (इंटर्नशिप) पूरा करना होगा जो अस्पताल में काम करते समय जीवन महत्वपूर्ण अनुभवों को प्रदान करता है।
- पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करें: इसके बाद, आप विशेषज्ञता के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स (MD या MS) कर सकते हैं। यह आपको अपने चुनिंदा विषय में विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद करेगा।
डॉक्टर बनने के लिए 12 वीं के बाद क्या करें?
डॉक्टर बनने के लिए 12वीं के बाद निम्नलिखित कदम उठाएं:
- मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) दें: NEET एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो इंडिया में चिकित्सा कालेजों में प्रवेश के लिए आवश्यक होती है। इसके लिए आपको मेडिकल और बायोलॉजी विषयों में 12 वीं कक्षा से पास होना आवश्यक होता है।
- आवेदन करें: NEET परीक्षा के बाद, आप चिकित्सा कालेजों में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। आप अपने पसंद के अनुसार चिकित्सा कालेज का चयन कर सकते हैं।
- चिकित्सा कालेज में प्रवेश करें: अपने पसंद के अनुसार चयनित चिकित्सा कॉलेज में प्रवेश के बाद, आपको MBBS कोर्स के लिए अपनी पढ़ाई शुरू करनी होगी।
- अंतिम वर्ष और इंटर्नशिप: MBBS कोर्स के अंतिम वर्ष में, आपको अस्पताल में अनुभव प्राप्त करने के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम पूरा करना होगा।
- पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई: इसके बाद, आप विशेषज्ञता के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स (MD या MS) कर सकते हैं।
डॉक्टर बनने में कितना पैसा लगता है?
डॉक्टर बनने के लिए खर्च विभिन्न तत्वों पर निर्भर करते हैं, जैसे कि कॉलेज का चयन, फीस, रहने के खर्च, बुक्स और सम्पूर्ण अध्ययन सामग्री, परीक्षा शुल्क, पोस्ट ग्रेजुएशन की फीस आदि।
MBBS कोर्स की फीस सालाना रूप से 50,000 से 10 लाख रुपये तक हो सकती है और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए MD या MS कोर्स की फीस सालाना रूप से 5 लाख से 30 लाख रुपये तक हो सकती है।
इसके अलावा, आपको रहने के खर्च और अन्य खर्च जैसे कि वैद्यकीय पुस्तकें और उपकरणों का भी खर्च आदि भी होंगे। इसलिए, डॉक्टर बनने के लिए लगने वाले खर्च कुल मिलाकर लाखों रुपये तक हो सकते हैं।
हालांकि, सरकारी कॉलेजों में फीस अधिक कम होती है और छात्रों को आरक्षण विधि द्वारा फायदा मिलता है। इसलिए, सरकारी कॉलेजों से डॉक्टर बनना बहुत कम खर्च से संभव हो सकता है।
डॉक्टर बनने के लिए कितनी पढ़ाई करनी पड़ती है?
डॉक्टर बनने के लिए काफी लम्बी पढ़ाई करनी पड़ती है। यह आमतौर पर अन्य व्यवसायों से काफी अधिक समय लेता है।
डॉक्टर बनने की पढ़ाई दो भागों में विभाजित होती है। पहला भाग, मेडिकल कॉलेज में सीधी शिक्षा होती है जो मेडिकल डिग्री जैसे एमबीबीएस कोर्स (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड सर्जरी) जारी करने के लिए आवश्यक होती है। इस कोर्स का समय आमतौर पर पांच साल होता है।
दूसरा भाग पोस्ट ग्रेजुएशन में होता है जो स्पेशलाइजेशन और समाधान उपलब्ध कराता है। इसमें विभिन्न विषयों में स्पेशलाइजेशन के लिए कई ऑप्शन होते हैं, जैसे सर्जरी, मेडिसिन, पेडिएट्रिक्स, एन्डोक्रिनोलॉजी आदि।
संपूर्ण अध्ययन की अवधि में आपको लगभग 10-12 साल की अवधि में अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को पूरा करने की आवश्यकता होती है।
डॉक्टर के कितने कोर्स होते हैं?
डॉक्टर बनने के लिए कई कोर्स होते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ प्रमुख कोर्स:
- बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड सर्जरी (MBBS): यह एक पांच साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स होता है जो मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के बाद किया जाता है।
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (MD): यह दो-तीन वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स होता है जो MBBS पूरा करने के बाद किया जाता है। इसमें विभिन्न विषयों में स्पेशलाइजेशन होती है, जैसे सर्जरी, रेडियोलॉजी, पाथोलॉजी, डर्मेटोलॉजी आदि।
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (DM): यह एक तीन से पांच वर्ष का पोस्ट डॉक्टोरेट कोर्स होता है जो स्पेशलाइजेशन के लिए किया जाता है। यह विभिन्न विषयों में स्पेशलाइजेशन के लिए होता है, जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, एन्डोक्रिनोलॉजी आदि।
- डॉक्टर ऑफ सर्जरी (MS): यह दो-तीन वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स होता है जो MBBS पूरा करने के बाद किया जाता है। इसमें विभिन्न विषयों में स्पेशलाइजेशन होता है।
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12वीं के बाद डॉक्टर बनने के लिए क्या करना चाहिए?
12वीं के बाद डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना आवश्यक होता है:
- एमबीबीएस (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) कोर्स: इसके लिए आपको एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश लेना होगा। इसके लिए आपको NEET (National Eligibility cum Entrance Test) परीक्षा का उत्तीर्ण होना होगा। यह परीक्षा भारत में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए आवश्यक है।
- MBBS कोर्स का पालन: एमबीबीएस कोर्स को पूरा करने के बाद, आपको दसवीं से अधिक अंक प्राप्त करके अभिलेखागार और लैब में व्यावसायिक अनुभव दोनों की अवश्यकता होगी।
- पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स: आपको एमबीबीएस कोर्स के बाद चुनौतीपूर्ण पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सों (MD, MS, DM, MCh) में से एक का चयन करना होगा।
- रजिस्ट्रेशन: पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स पूरा करने के बाद, आपको स्थानीय चिकित्सा परिषद द्वारा आपके नाम के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जो आपको चिकित्सा प्रदान करने के लिए अधिकृत बनाता है।
भारत का नंबर वन डॉक्टर कौन है?
भारत कई उत्कृष्ट डॉक्टरों से भरा हुआ है और उनमें से कुछ नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर भी चर्चित हैं। हालांकि, भारत के नंबर वन डॉक्टर के बारे में कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है। उत्तर प्रदेश में दूर्गा शक्ति ने महिला स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी उभरते हुए एक बेहतरीन चिकित्सक के रूप में अपनी छाप छोड़ी हैं। दूसरी ओर, डॉ. देवीशेट्टी गोपाल कृष्णन भी भारत में चर्चित और सम्मानित एक अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ हैं जो कि कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी विशेष ज्ञान के लिए जाने जाते हैं।
इसलिए, भारत में नंबर वन डॉक्टर का निर्देश देना मुश्किल है। यह निर्धारित करना बेहद मुश्किल है कि कौन भारत का सबसे अधिक उत्कृष्ट डॉक्टर है।
डॉक्टर बनना कितना मुश्किल है?
डॉक्टर बनना बहुत मुश्किल हो सकता है। एक उम्मीदवार को दैनिक शिक्षा, समय और धैर्य की मांग के साथ मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिलना होता है। उम्मीदवारों को अधिकतर प्रवेश परीक्षाओं के लिए तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।
एक मेडिकल स्टूडेंट को भी कई वर्षों तक धैर्य और समर्पण के साथ पढ़ाई करनी पड़ती है। यह अत्यधिक दक्षता, समझदारी, उत्साह, दैनिक समय और समर्पण की मांग करता है।
इसके अलावा, एक डॉक्टर बनने के लिए एक शिक्षण संस्थान से गुजरने वाले दिनों में कुछ विशेषज्ञताएं खर्च करनी पड़ती हैं, जो अधिकतर छात्रों के लिए आर्थिक दबाव बनाती हैं।
इसलिए, डॉक्टर बनना एक लंबा, कठिन और व्यापक प्रक्रिया होती है और अधिकतर उम्मीदवारों को समर्पण और उत्साह की आवश्यकता होती है।
नीट करने में कितना पैसा लगेगा?
NEET यानी National Eligibility cum Entrance Test, भारत में मेडिकल और डेंटल कोर्सेज के लिए एक प्रमुख प्रवेश परीक्षा है। NEET के लिए आवेदन शुल्क वर्षभर बदलते रहते हैं और सामान्यतः ऑनलाइन भुगतान के जरिए किये जाते हैं।
NEET परीक्षा के लिए आवेदन शुल्क जो उम्मीदवारों को देना पड़ता है, वर्ष से वर्ष बदलते रहते हैं। सामान्यतः, आवेदन शुल्क कुल खर्च के साथ 1500 रुपये से 2000 रुपये के बीच होते हैं।
इसके अलावा, NEET एग्जाम की तैयारी के लिए उम्मीदवारों को बुक्स, सैंपल पेपर्स, और मॉक टेस्ट सीरीज जैसी अतिरिक्त वस्तुएं खरीदनी पड़ सकती हैं। इन खर्चों का विवरण भी उम्मीदवार के आवेदन शुल्क में शामिल होता है।
इसलिए, NEET परीक्षा करने के लिए कुल खर्च उम्मीदवार के स्वयं के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकता है, लेकिन सामान्यतः आवेदन शुल्क व तैयारी के खर्च कुल खर्च का एक छोटा सा हिस्सा होता है।
मेडिकल स्कूल कितने साल का है?
मेडिकल स्कूल विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न अवधियों तक हो सकता है। भारत में, मेडिकल कॉलेज या विश्वविद्यालय में मेडिकल डिग्री की पांच साल की अवधि होती है जो एमबीबीएस या बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) के रूप में जानी जाती है।
इसके बाद, एमबीबीएस पूरा करने वाले छात्रों को चिकित्सा अध्ययन के अलग-अलग क्षेत्रों में विशेषज्ञ बनने के लिए विभिन्न विकल्पों में से एक का चयन करना पड़ता है। उच्चतर अध्ययन करने के लिए उन्हें अक्सर दूसरी पांच वर्षों की अवधि तक अध्ययन करना पड़ता है जिसमें स्पेशलिसेशन अनुसार विभिन्न पाठ्यक्रम शामिल होते हैं।
नीट परीक्षा कितनी बार दे सकते हैं?
भारत में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) का आयोजन वर्ष में एक बार होता है। यदि कोई छात्र नीट परीक्षा में सफलता नहीं हासिल करता है, तो उसे अगले सत्र के लिए फिर से आवेदन करना होगा। अधिकतम दो बार परीक्षा में भाग लेने की अनुमति होती है।
हालांकि, उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अधिकतम यात्राएं नहीं ले रहे हैं क्योंकि अधिक संख्या में परीक्षा देने से उनकी तैयारी पर असर पड़ता है और यह उनके लिए ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकता है
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मेडिकल में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है?
मेडिकल डीग्री की पाठ्यक्रम विभिन्न होते हैं जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषताएं होती हैं। हालांकि, डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित कोर्स होते हैं:
- बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) - यह भारत में सबसे लोकप्रिय मेडिकल कोर्स है जो चिकित्सा के क्षेत्र में एक स्नातक की डिग्री प्रदान करता है।
- बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) - यह एक स्नातक स्तर का मेडिकल कोर्स है जो दांतों, मुंह और जबड़े की सेवा प्रदान करने के लिए तैयार करता है।
- बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS) - यह एक स्नातक स्तर का मेडिकल कोर्स है जो भारतीय आयुर्वेद में स्नातक की डिग्री प्रदान करता है।
- बैचलर ऑफ होमियोपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BHMS) - यह एक स्नातक स्तर का मेडिकल कोर्स है जो होम्योपैथी चिकित्सा में स्नातक की डिग्री प्रदान करता है।
दुनिया की सबसे बड़ी डिग्री कौन सी है?
दुनिया में कई प्रकार की डिग्री होती हैं, लेकिन सबसे बड़ी डिग्री के रूप में एक पीएचडी (PhD) डिग्री मानी जाती है। एक पीएचडी डिग्री अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए एक उच्च-स्तरीय अध्ययन प्रोग्राम होता है। यह डिग्री विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षा संस्थानों से प्राप्त की जाती है और इसके लिए विशेषज्ञ ज्ञान और शोध क्षमता की आवश्यकता होती है।
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एमबीबीएस यानी बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी डिग्री डॉक्टर बनने का पहला कदम होती है। इस डिग्री को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
12वीं कक्षा के बाद एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए NEET UG परीक्षा देना होगा। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
उत्तीर्ण होने के बाद, आपको एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण करना होगा। इसके लिए आपको देश के कुछ शीर्ष आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालयों में आवेदन करना होगा।
एमबीबीएस कोर्स लगभग 5.5 साल का होता है। यह कोर्स थ्योरी, प्रैक्टिकल और रोग निदान और उपचार के संबंध में तकनीकों के लिए प्रशिक्षण शामिल होता है।
एमबीबीएस कोर्स के अंतिम वर्ष में, आपको रोग निदान और उपचार के लिए विभिन्न विषयों पर अधिक विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञ विषयों में उपलब्ध विकल्पों में से एक का चयन करना होगा।
सरकारी डॉक्टर कैसे बने?
सरकारी डॉक्टर बनने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों को पूरा करना होगा:
उच्च माध्यमिक शिक्षा के बाद मेडिकल प्रवेश परीक्षा जैसे NEET (National Eligibility cum Entrance Test) के द्वारा एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करें।
एमबीबीएस पाठ्यक्रम को पूरा करें और राष्ट्रीय मेडिकल अधिकारी प्रमाणपत्र (National Medical Commission Certificate) प्राप्त करें।
स्थानीय स्वास्थ्य विभाग या अन्य सरकारी संस्थाओं की भर्ती प्रक्रिया में भाग लें। सरकारी डॉक्टरों के लिए लगातार भर्ती प्रक्रियाएं चलती रहती हैं।
सरकारी डॉक्टर के रूप में नियुक्त होने के बाद, नियमित रूप से प्रत्येक अधिकारी को संबंधित संस्था द्वारा दिए गए निर्देशों और स्थानीय कानूनों का पालन करना होगा।
इस तरह से आप सरकारी डॉक्टर बन सकते हैं। यह एक अत्यंत सम्मानजनक और सेवानिवृत्ति पेशा है जो समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
सर्जन डॉक्टर कैसे बने?
सर्जन डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करना होगा:
- 12वीं के बाद एमबीबीएस पास करें: सर्जन डॉक्टर बनने के लिए, सबसे पहले आपको एमबीबीएस की पढ़ाई करनी होगी। इस डिग्री को प्राप्त करने के लिए, आपको नीट या अन्य मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं का परीक्षण पास करना होगा।
- मास्टर्स डिग्री के लिए अप्लाई करें: एमबीबीएस के बाद, आप एमएस या डीएम जैसी मास्टर्स डिग्री के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यह आपको उन्नत और विशेषज्ञ स्तर पर सर्जन बनने में मदद करेगा।
- रेजिडेंसी प्रोग्राम में शामिल हों: सर्जन डॉक्टर बनने के लिए, आपको रेजिडेंसी प्रोग्राम में शामिल होना होगा। इससे आपको अस्पतालों में अनुभव प्राप्त होता है और आप सर्जरी के अंदर भी विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं।
- विशेषज्ञ बनें: स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न क्षेत्रों में आपके विशेषता के आधार पर स्पेशलिजेशन लेना होगा।
घर बैठे डॉक्टर कैसे बने?
घर बैठे डॉक्टर बनने के लिए आप अनलाइन मेडिकल स्कूलों से जुड़ सकते हैं जो इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न मेडिकल पाठ्यक्रमों की पेशकश करते हैं। इन पाठ्यक्रमों का चयन करने से पहले आपको सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय या संस्था द्वारा स्वीकृति मिली है।
इन पाठ्यक्रमों में आमतौर पर आपको ऑनलाइन कक्षाओं, ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से पाठ्य सामग्री, लाइव वेबिनार, बुक्स और अन्य संबंधित सामग्री की पेशकश की जाती है। इन पाठ्यक्रमों में आप जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीवाणु विज्ञान, फार्माकोलॉजी, औषधीय रसायन, एनाटोमी, फिजियोलॉजी, बाल रोग, उपचार विज्ञान और अन्य संबंधित विषयों के बारे में पढ़ेंगे।
इसके अलावा, आप ऑनलाइन ट्यूटोरियल या ऑनलाइन संबंधित कोर्सेज भी ले सकते हैं जो आपको मेडिकल विषयों में अधिक जानकारी प्रदान करते हैं।
कम पैसे में डॉक्टर कैसे बने?
डॉक्टर बनना एक कॉस्टली प्रक्रिया हो सकती है। हालांकि, कुछ उपाय हैं जो कम पैसे में डॉक्टर बनने में मदद कर सकते हैं।
- सरकारी कॉलेज और अस्पताल: सरकारी कॉलेज और अस्पतालों में दाखिले के लिए अधिकतम फीस सीमा निर्धारित होती है। सरकारी कॉलेजों में अधिकतर दाखिले फ्री होते हैं या न्यूनतम फीस के अनुरूप होते हैं।
- लोन: कुछ बैंक और वित्तीय संस्थाएं शैक्षिक ऋण प्रदान करती हैं, जो डॉक्टरी की अध्ययन शुल्क और जीवन भर के लाभ के लिए उपलब्ध होते हैं। इन ऋणों की वापसी की शर्तें और ब्याज दरों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए आपको अपनी बैंक से संपर्क करना होगा।
- छात्रवृत्ति: कुछ सरकारी और गैर सरकारी संस्थान छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं। ये छात्रवृत्तियां आधारभूत योग्यता और आवेदक के आय के आधार पर प्रदान की जाती हैं।
- संबंधों से सहायता: डॉक्टर बनने के लिए अन्य लोगों से भी सहायता मिल सकता है।
बिना डिग्री के डॉक्टर कैसे बने?
किसी भी देश में बिना डिग्री के डॉक्टर बनना अवैध होगा और यह जीवन खतरे में डालने वाला होगा। डॉक्टर बनने के लिए काफी कठिन पढ़ाई और अनुभव की जरूरत होती है। अगर आप डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपको संबंधित मेडिकल कोर्स की पढ़ाई करनी होगी और डिग्री हासिल करनी होगी।
यदि आपके पास पूरी दिन काम करने या अन्य वजहों से कॉलेज जाने और उसमें प्रवेश करने के लिए समय नहीं है, तो आप ऑनलाइन मेडिकल कोर्स और डिग्री को ले सकते हैं। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अधिकृत मेडिकल इंस्टीट्यूट से संबंधित कोर्स और डिग्री हासिल करें, जो आपको अच्छी तरह से तैयार कर सकते हैं और आपको एक सफल डॉक्टर के रूप में कामयाबी की संभावनाएं बढ़ा सकते हैं।
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स्त्री रोग विषेशज्ञ डॉक्टर कैसे बने?
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाना चाहिए:
- मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करें: स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बनने के लिए, आपको सबसे पहले एमबीबीएस की डिग्री हासिल करनी होगी। आपको अपने मानदंडों और देश के अनुसार अधिकतम नंबर प्राप्त करना होगा।
- स्पेशलाइजेशन का चयन करें: एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ के लिए उपलब्ध स्पेशलाइजेशन को चुनना होगा। आप अपने चयनित क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए रोग निदान, उपचार, ऑपरेशन, और अन्य संबंधित विषयों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं।
- प्रैक्टिस और अनुभव प्राप्त करें: आपको अपने चयनित क्षेत्र में प्रैक्टिस और अनुभव प्राप्त करने के लिए चिकित्सा के कुछ विशेषज्ञों के साथ काम करने की आवश्यकता हो सकती है। इससे आपको रोग निदान और उपचार की विशेषज्ञता में अधिक ज्ञान मिल सकता है।
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