Make In India Complete Details
नमस्कार दोस्तों, आज मैं आपको मेक इन इंडिया (Make In India) के बारे
में बताउंगा। अगर आप किसी खास परीक्षा के लिए, किसी
रिसर्च के लिए या फिर किसी अन्य कार्यों के लिए मेक इन इंडिया के बारे में जानकारी
प्राप्त करना चाहते है तो इस अर्टिकल से बेहतर आपके लिए हो ही नही सकता है। बस
आपको इस अर्टिकल को शुरु से लेकर अंत तक पुरा पढ़ना पड़ेगा। मुझे नहीं पता है कि
आपने मेक इन इंडिया के बारें में कितने अर्टिकल पढ़ा है लेकिन मैं ये कम्फर्म करता
हुँ कि इसके बाद आपको कोई दुसरे जगह जाने का कोई जरुरत नहीं पड़ेगा। बस घ्यान से 5-6 मिनट का समय देकर आप इसे पुर पढ़िये बस।
तो चलिये शुरु करते है....
![]() |
Make In India |
मेक इन इंडिया क्या है?
What is Make In India?
"मेक इन इंडिया" भारत सरकार की एक पहल है
जिसे 25 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत
को एक वैश्विक विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) केंद्र बनाना और देश में निवेश, नवाचार, और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना
है। इस पहल के तहत, भारत में उत्पादन को प्रोत्साहित
करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, कपड़ा, और
रसायन आदि में निवेश को आसान बनाया गया है।
इसके प्रमुख लक्ष्य हैं:
1.आर्थिक विकास: विनिर्माण क्षेत्र के माध्यम
से जीडीपी में वृद्धि करना।
2.रोजगार सृजन: युवाओं के लिए नौकरियों के
अवसर बढ़ाना।
3.निर्यात बढ़ाना: भारतीय उत्पादों को
वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना।
4.प्रक्रिया को सरल बनाना: व्यवसाय शुरू करने
और संचालित करने के लिए नियमों को आसान करना।
"मेक इन इंडिया" के तहत विदेशी कंपनियों को
भारत में कारखाने स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, साथ ही स्वदेशी उद्यमों को भी समर्थन दिया जाता है। इसका प्रतीक एक शेर है, जो ताकत, गर्व और आत्मनिर्भरता का प्रतीक माना
जाता है।
- मेक इन इंडिया कब लांच हुआ था?
"मेक इन इंडिया" 25 सितंबर 2014 को लॉन्च हुआ था। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल की औपचारिक शुरुआत की थी।
- मेक इन इंडिया का नारा क्या है?
"मेक इन इंडिया" का नारा "Come,
Make in India" है। यह नारा भारत में देशी और विदेशी
कंपनियों को भारत में विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) करने के लिए आमंत्रित करता है
और भारत को एक वैश्विक उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दृष्टि को
दर्शाता है। इसके साथ ही, यह पहल आत्मनिर्भरता और
आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
हालांकि, अगर आप "मेड इन
इंडिया" कहकर किसी अलग संदर्भ की बात कर रहे हैं, तो
कृपया स्पष्ट करें, क्योंकि "मेक इन इंडिया"
और "मेड इन इंडिया" में अंतर है। "मेक इन इंडिया" एक सरकारी
पहल है, जबकि "मेड इन इंडिया" आमतौर पर भारत
में बने उत्पादों को संदर्भित करता है।
- मेक इन इंडिया का मतलब क्या है?
"मेक इन इंडिया" का मतलब है भारत में
उत्पादन करना या भारत को विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) का केंद्र बनाना। यह भारत
सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य देश के अंदर वस्तुओं के निर्माण को बढ़ावा देना
है। अंग्रेजी में "Make in India" का शाब्दिक
अर्थ है "भारत में बनाएं", और यह देशी व
विदेशी कंपनियों को भारत में अपने उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इसके पीछे की सोच यह है कि:
- भारत
में औद्योगिक विकास हो।
- रोजगार
के अवसर बढ़ें।
- विदेशी
निवेश (FDI) आकर्षित हो।
- भारत
आत्मनिर्भर बने और वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाए।
यह पहल 25 सितंबर 2014 को शुरू की गई थी और इसका फोकस 25 प्रमुख
क्षेत्रों (जैसे ऑटोमोबाइल, रक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा आदि) पर है। इसका प्रतीक एक शेर है, जो ताकत और आत्मविश्वास को दर्शाता है।
- मेक इन इंडिया का प्रतीक किसका बना है?
"मेक इन इंडिया" का प्रतीक एक शेर का बना है। यह शेर चार पैरों पर खड़ा
हुआ दिखाया जाता है और इसे गियर या चक्रों (wheels) से
बने एक औद्योगिक डिज़ाइन के साथ प्रस्तुत किया गया है। शेर भारत की ताकत, गर्व, और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, जबकि गियर औद्योगिक प्रगति और विनिर्माण की गतिशीलता को दर्शाते हैं।
यह लोगो काले रंग में बनाया गया है और इसे सादगी
के साथ प्रभावशाली तरीके से डिज़ाइन किया गया है ताकि यह पहल के उद्देश्य—शक्ति और
उत्पादन—को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सके।
- मेक इन इंडिया का लोगो किसने बनाया?
![]() |
Make In India |
"मेक इन इंडिया" का लोगो Wieden+Kennedy (W+K) नामक एक अंतरराष्ट्रीय विज्ञापन एजेंसी की भारतीय शाखा ने डिज़ाइन किया
था। इस एजेंसी का नेतृत्व उस समय भारत में विमल शाह और प्रकाश शिवदासानी कर रहे
थे। लोगो में एक शेर को गियर (चक्रों) के साथ दर्शाया गया है, जो भारत की ताकत और औद्योगिक प्रगति का प्रतीक है।
Wieden+Kennedy को इस
प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था क्योंकि यह एक प्रसिद्ध क्रिएटिव एजेंसी है, जिसने पहले नाइके जैसे बड़े ब्रांड्स के लिए काम किया था। भारत सरकार ने
इस लोगो को 25 सितंबर 2014 को पहल के लॉन्च के साथ आधिकारिक तौर पर पेश किया था।
- मेक इन इंडिया का पहला उपदेश क्या था?
"मेक इन इंडिया" का कोई औपचारिक "पहला
उपदेश" जैसा शब्द आधिकारिक तौर पर प्रयोग नहीं किया गया है। हालांकि, अगर आप इसके शुरुआती संदेश या नारे की बात कर रहे हैं, तो इसका पहला और प्रमुख संदेश था "Come, Make in
India"। यह संदेश भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2014 को पहल के लॉन्च के दौरान
अपने भाषण में दिया था।
उन्होंने कहा था:
"I want to tell the people of the whole world: Come, Make in
India. Come and manufacture in India. Sell in any country of the world but
manufacture here. We have skill, talent, discipline, and determination."
मतलब...
("मैं पूरी दुनिया के लोगों से कहना चाहता हूँ: आइए, भारत में बनाइए। भारत में आएं और विनिर्माण करें। दुनिया के किसी भी देश
में बेचें, लेकिन यहाँ बनाएं। हमारे पास कौशल, प्रतिभा, अनुशासन और दृढ़ संकल्प है।")
यह संदेश "मेक इन इंडिया" का मूल मंत्र
था, जो
भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने और निवेशकों को आमंत्रित करने की दृष्टि
को दर्शाता है। अगर आप किसी और विशिष्ट पहलू की बात कर रहे हैं, तो कृपया स्पष्ट करें!
- मेक इन इंडिया के 25 क्षेत्र कौन से हैं?
"मेक इन इंडिया" पहल के तहत भारत सरकार ने 25 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें
विनिर्माण, बुनियादी ढांचा, और
सेवा से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ये
क्षेत्र भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने और आर्थिक विकास को गति देने के
लिए चुने गए हैं। नीचे इन 25 क्षेत्रों की सूची दी
गई है:
1.ऑटोमोबाइल (Automobiles)
2. ऑटोमोबाइल घटक (Automobile Components)
3.विमानन (Aviation)
4.जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology)
5.रसायन (Chemicals)
6.निर्माण (Construction)
7.रक्षा विनिर्माण (Defence Manufacturing)
8.विद्युत मशीनरी (Electrical Machinery)
9.इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम (Electronic Systems)
10.खाद्य
प्रसंस्करण (Food Processing)
11.सूचना
प्रौद्योगिकी और व्यवसाय प्रक्रिया प्रबंधन (IT and BPM)
12.चमड़ा (Leather)
13.मीडिया
और मनोरंजन (Media and Entertainment)
14.खनन (Mining)
15.तेल
और गैस (Oil and Gas)
16.फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals)
17.बंदरगाह
और शिपिंग (Ports and Shipping)
18.रेलवे (Railways)
19.नवीकरणीय
ऊर्जा (Renewable Energy)
20.सड़क
और राजमार्ग (Roads and Highways)
21.अंतरिक्ष (Space)
22.कपड़ा
और परिधान (Textiles and Garments)
23.थर्मल
पावर (Thermal Power)
24.पर्यटन
और आतिथ्य (Tourism and Hospitality)
25.कल्याण (Wellness)
ये क्षेत्र "मेक इन इंडिया" की आधिकारिक
वेबसाइट और विभिन्न सरकारी दस्तावेजों में सूचीबद्ध हैं। इनका उद्देश्य निवेश को
आकर्षित करना, रोजगार सृजन करना, और भारत को आत्मनिर्भर बनाना
है।
- मेक इन इंडिया नीति क्या है?
"मेक इन इंडिया" भारत सरकार की एक नीति और
पहल है, जिसे 25 सितंबर 2014 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण
(मैन्युफैक्चरिंग) केंद्र के रूप में स्थापित करना, आर्थिक
विकास को बढ़ावा देना, और रोजगार के अवसर पैदा करना है।
यह नीति घरेलू और विदेशी कंपनियों को भारत में उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित
करती है, ताकि भारत आत्मनिर्भर बने और वैश्विक बाजार
में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सके।
- "मेक इन इंडिया" नीति के प्रमुख तत्व
यह नीति चार मुख्य स्तंभों पर आधारित है:
1. नई प्रक्रियाएं (New Processes)
o व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देना।
o लाइसेंसिंग, परमिट, और
नियमों को सरल करना।
o उदाहरण: ऑनलाइन पोर्टल और सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम।
2. नई बुनियादी ढांचा (New Infrastructure)
o औद्योगिक गलियारों, स्मार्ट शहरों, और आधुनिक रसद सुविधाओं का विकास।
o उदाहरण: दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (DMIC)।
3. नए क्षेत्र (New Sectors)
o 25 प्रमुख क्षेत्रों (जैसे ऑटोमोबाइल, रक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा) में निवेश और उत्पादन को बढ़ावा देना।
o इन क्षेत्रों में नवाचार और प्रौद्योगिकी को प्राथमिकता।
4. नई सोच (New Mindset)
o सरकार की भूमिका को नियामक (रेगुलेटर) से सुविधा प्रदाता (फैसिलिटेटर) में
बदलना।
o उद्योगों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देना।
- नीति के मुख्य उद्देश्य
- विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि: 2025 तक
विनिर्माण का जीडीपी में योगदान 25% तक
बढ़ाना (वर्तमान में यह लगभग 15-16% है)।
- रोजगार सृजन: 10 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा
करना।
- विदेशी निवेश: विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) को आकर्षित करना।
- निर्यात बढ़ाना: भारत में बने उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना।
- नीति के तहत उठाए गए कदम
1. नियमों में ढील: कई क्षेत्रों में 100%
FDI की अनुमति, जैसे रक्षा, रेलवे, और निर्माण।
2. प्रोत्साहन योजनाएं: उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन
(PLI) योजना, जिसके तहत
मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में उत्पादन को बढ़ावा दिया
जा रहा है।
3. कौशल विकास: "स्किल इंडिया" के साथ
मिलकर श्रमिकों को प्रशिक्षित करना।
4. डिजिटल सुविधाएं: निवेशकों के लिए ऑनलाइन पोर्टल और पारदर्शी प्रक्रिया।
नीति का प्रभाव
- सकारात्मक प्रभाव:
- विश्व
बैंक के "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" रैंकिंग में सुधार (2014 में 134 से 2020 में 63वां स्थान)।
- FDI में वृद्धि: 2014 के बाद से $600 बिलियन से अधिक का निवेश।
- कुछ
क्षेत्रों (जैसे मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग) में सफलता।
- चुनौतियां:
- विनिर्माण
का जीडीपी में योगदान अभी भी 25% से काफी कम।
- रसद
लागत और बुनियादी ढांचे की कमी।
- लक्ष्य
समयसीमा (2025) तक पूरा करना मुश्किल।
- मेक-इन इंडिया स्टार्टअप क्या है?
"मेक इन इंडिया स्टार्टअप" एक विशिष्ट योजना
या शब्द नहीं है, बल्कि यह "मेक इन इंडिया"
और "स्टार्टअप इंडिया" दो अलग-अलग लेकिन परस्पर संबंधित पहलों के संदर्भ
में समझा जा सकता है। दोनों ही भारत सरकार की पहल हैं जो उद्यमिता, नवाचार और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई हैं। आइए इसे समझते
हैं:
- मेक इन इंडिया क्या है?
![]() |
Make In India |
"मेक इन इंडिया" 25 सितंबर 2014 को शुरू की गई एक नीति है, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है। यह कंपनियों
(घरेलू और विदेशी) को भारत में उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके तहत 25 क्षेत्रों (जैसे ऑटोमोबाइल, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स) पर ध्यान दिया जाता है। यह नीति रोजगार सृजन, विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करने और
आत्मनिर्भरता को बढ़ाने पर केंद्रित है।
- स्टार्टअप इंडिया क्या है?
"स्टार्टअप इंडिया" 16 जनवरी 2016 को लॉन्च की गई एक पहल है, जो स्टार्टअप्स और उद्यमियों को समर्थन देने के लिए बनाई गई है। इसका
लक्ष्य नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना, स्टार्टअप्स
के लिए कर छूट, फंडिंग, और
सरल नियम प्रदान करना है। यह भारत को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वालों
का देश बनाने की दिशा में काम करता है।
मेक इन इंडिया और स्टार्टअप्स का संबंध
"मेक इन इंडिया स्टार्टअप" से तात्पर्य उन
स्टार्टअप्स से हो सकता है जो "मेक इन इंडिया" के तहत आने वाले
क्षेत्रों में काम करते हैं। उदाहरण के लिए:
- एक
स्टार्टअप जो भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स या ऑटोमोबाइल पार्ट्स बनाती हो, वह
"मेक इन इंडिया" के लक्ष्यों को पूरा कर सकती है।
- ऐसे
स्टार्टअप्स को "स्टार्टअप इंडिया" के तहत लाभ (जैसे टैक्स छूट, फंडिंग)
मिल सकते हैं, जो उन्हें "मेक इन
इंडिया" के तहत उत्पादन बढ़ाने में मदद करते हैं।
उदाहरण
मान लीजिए एक स्टार्टअप भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के पुर्जे बनाना शुरू करती है। यह "मेक इन इंडिया" के तहत ऑटोमोबाइल और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देगा।
साथ ही, "स्टार्टअप
इंडिया" के तहत यह स्टार्टअप DPIIT से
मान्यता प्राप्त कर टैक्स छूट और सरकारी समर्थन ले सकती है।
मेक इन इंडिया और
स्टार्टअप इंडिया क्या हैं?
"मेक इन इंडिया" और "स्टार्टअप
इंडिया" भारत सरकार की दो अलग-अलग लेकिन एक-दूसरे से जुड़ी हुई पहल हैं, जो देश के आर्थिक विकास, औद्योगीकरण, और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई हैं। नीचे इन दोनों को
विस्तार से समझाया गया है:
मेक इन इंडिया (Make in India) क्या है?
"मेक इन इंडिया" एक नीति और पहल है जिसे 25 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने लॉन्च किया था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण
(मैन्युफैक्चरिंग) केंद्र बनाना और देश में उत्पादन को बढ़ावा देना है। यह घरेलू
और विदेशी कंपनियों को भारत में अपने उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
उद्देश्य
- विनिर्माण
क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 25% तक बढ़ाना (2025 तक)।
- 10 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजित करना।
- विदेशी
प्रत्यक्ष निवेश (FDI) आकर्षित करना।
- भारत
को आत्मनिर्भर और निर्यात-प्रधान अर्थव्यवस्था बनाना।
मुख्य विशेषताएं
- चार स्तंभ: नई प्रक्रियाएं (प्रक्रिया सरलीकरण), नई बुनियादी ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर विकास), नए क्षेत्र (25 सेक्टर), नई सोच (सरकार सुविधा प्रदाता बने)।
- 25 लक्षित क्षेत्र: ऑटोमोबाइल, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, कपड़ा, आदि।
- प्रतीक: गियर के साथ शेर, जो ताकत और औद्योगिक प्रगति को दर्शाता है।
- उपाय: FDI नियमों में ढील, सिंगल-विंडो क्लीयरेंस, उत्पादन-लिंक्ड
प्रोत्साहन (PLI) योजना।
प्रभाव
- सकारात्मक: FDI में
वृद्धि ($600 बिलियन से अधिक 2014 के बाद), ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में
सुधार (63वां स्थान 2020 में)।
- चुनौतियां: विनिर्माण का जीडीपी योगदान अभी 15-16% पर अटका हुआ, लक्ष्य से पीछे।
स्टार्टअप इंडिया (Startup India) क्या है?
"स्टार्टअप इंडिया" एक पहल है जिसे 16 जनवरी 2016 को लॉन्च किया गया था। इसका
उद्देश्य भारत में स्टार्टअप्स और उद्यमिता को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना, और युवाओं को
नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनाना है।
उद्देश्य
- स्टार्टअप्स
के लिए अनुकूल माहौल बनाना।
- नवाचार
और तकनीकी विकास को बढ़ावा देना।
- रोजगार
सृजन और आर्थिक विकास में योगदान देना।
मुख्य विशेषताएं
- परिभाषा: स्टार्टअप वह कंपनी है जो 10 साल से कम पुरानी हो, सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से कम हो, और नवाचार पर काम
कर रही हो।
- प्रमुख लाभ:
- 3 साल तक आयकर में छूट।
- फंड
ऑफ फंड्स के तहत 10,000 करोड़ रुपये की सरकारी फंडिंग।
- पेटेंट
फीस में 80% छूट और तेज प्रक्रिया।
- सरल
नियम और सिंगल-विंडो सिस्टम।
- प्रतीक: एक रंगीन लोगो जिसमें "STARTUP
INDIA" लिखा है, जो ऊर्जा
और प्रगति को दर्शाता है।
- कार्यक्रम: स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान, लर्निंग प्रोग्राम, और स्टार्टअप हब।
प्रभाव
- सकारात्मक: 1 लाख
से अधिक स्टार्टअप्स DPIIT से पंजीकृत (2023 तक), 100+ यूनिकॉर्न (1 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य वाली कंपनियां)।
- चुनौतियां:
फंडिंग तक पहुंच, ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी।
मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया में संबंध
- साझा लक्ष्य: दोनों ही आत्मनिर्भर भारत, रोजगार सृजन, और औद्योगिक विकास पर
केंद्रित हैं।
- सहयोग:
- "मेक इन इंडिया" विनिर्माण को बढ़ावा देता है, और "स्टार्टअप इंडिया" ऐसे स्टार्टअप्स को सपोर्ट करता है
जो इन क्षेत्रों में नवाचार करते हैं।
- उदाहरण:
एक स्टार्टअप जो भारत में ड्रोन बनाती है, "मेक इन इंडिया" के तहत
रक्षा/विमानन क्षेत्र में योगदान दे सकती है और "स्टार्टअप
इंडिया" से फंडिंग ले सकती है।
- अंतर:
- "मेक इन इंडिया" का फोकस बड़े पैमाने पर विनिर्माण और उद्योगों
पर है।
- "स्टार्टअप इंडिया" का फोकस छोटे, नवोन्मेषी
व्यवसायों पर है।
मेक इन इंडिया रोजगार
"मेक इन इंडिया" पहल का एक प्रमुख उद्देश्य
भारत में रोजगार सृजन करना है। यह नीति, जो 25 सितंबर 2014 को शुरू की गई थी, विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) को बढ़ावा देकर देश में नौकरियों के अवसर
पैदा करने पर केंद्रित है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं कि "मेक इन
इंडिया" रोजगार से कैसे जुड़ा है:
मेक इन इंडिया और रोजगार: लक्ष्य
- मूल लक्ष्य: 2022 तक 10 करोड़ (100 मिलियन) अतिरिक्त नौकरियां
पैदा करना। बाद में इस समयसीमा को 2025 तक
बढ़ाया गया।
- विनिर्माण पर जोर: विनिर्माण क्षेत्र को जीडीपी में 25% तक योगदान देने का लक्ष्य, जिससे बड़े
पैमाने पर रोजगार उत्पन्न हो सके।
- आत्मनिर्भरता: भारत में उत्पादन बढ़ाकर आयात पर
निर्भरता कम करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाना।
मेक इन इंडिया प्रोडक्ट
"मेक इन इंडिया" पहल के तहत भारत में
निर्मित उत्पादों (प्रोडक्ट्स) की कोई आधिकारिक सूची नहीं है, क्योंकि यह एक नीति है जो विभिन्न क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा देती
है। हालांकि, इस पहल के अंतर्गत कई उद्योगों और
क्षेत्रों में उत्पादों का निर्माण भारत में किया जा रहा है, जो स्वदेशी उत्पादन और आत्मनिर्भरता को दर्शाते हैं। नीचे कुछ प्रमुख
क्षेत्रों और उनसे संबंधित उत्पादों के उदाहरण दिए गए हैं, जो "मेक इन इंडिया" के तहत प्रोत्साहित किए गए हैं:
मेक इन इंडिया के तहत प्रमुख क्षेत्र और उत्पाद
1. इलेक्ट्रॉनिक्स
o उत्पाद: मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप, चार्जर, सेमीकंडक्टर।
o उदाहरण:
§ भारत में बने स्मार्टफोन (जैसे सैमसंग, शाओमी, और एप्पल के iPhone)।
§ माइक्रोमैक्स और लावा जैसे स्वदेशी ब्रांड।
§ पीएलआई (PLI) योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स का
उत्पादन बढ़ा है।
2. ऑटोमोबाइल
o उत्पाद: कारें, मोटरसाइकिल, इलेक्ट्रिक वाहन (EV), ऑटो पार्ट्स।
o उदाहरण:
§ टाटा नेक्सन, महिंद्रा थार (स्वदेशी ब्रांड)।
§ हीरो मोटोकॉर्प की बाइकें।
§ ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर।
3. रक्षा उत्पादन
o उत्पाद: हथियार, टैंक, हेलीकॉप्टर, मिसाइल।
o उदाहरण:
§ तेजस लड़ाकू विमान (HAL द्वारा निर्मित)।
§ अर्जुन टैंक।
§ ब्रह्मोस मिसाइल (भारत-रूस संयुक्त उत्पादन)।
4. नवीकरणीय ऊर्जा
o उत्पाद: सोलर पैनल, विंड टर्बाइन।
o उदाहरण:
§ अदानी और टाटा पावर के सोलर पैनल।
§ स्वदेशी तकनीक से बनी सौर ऊर्जा उपकरण।
5. कपड़ा और परिधान
o उत्पाद: कपड़े, पारंपरिक
वस्त्र, तैयार परिधान।
o उदाहरण:
§ खादी उत्पाद।
§ रेमंड और रिलायंस ट्रेंड्स जैसे ब्रांड्स के परिधान।
6. फार्मास्यूटिकल्स
o उत्पाद: दवाइयां, टीके, जेनेरिक दवाएं।
o उदाहरण:
§ कोविशील्ड और कोवैक्सिन (कोविड-19 टीके)।
§ सिप्ला और सन फार्मा की जेनेरिक दवाएं।
7. खाद्य प्रसंस्करण
o उत्पाद: पैकेज्ड फूड, डेयरी उत्पाद, जूस।
o उदाहरण:
§ अमूल डेयरी उत्पाद।
§ नेस्ले इंडिया के प्रोडक्ट्स (जैसे मैगी)।
8. रेलवे
o उत्पाद: ट्रेन कोच, इंजन, मेट्रो कोच।
o उदाहरण:
§ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (ICF चेन्नई द्वारा
निर्मित)।
§ मेट्रो कोच (BEML और अल्स्टॉम इंडिया)।
9. अंतरिक्ष
o उत्पाद: उपग्रह, रॉकेट।
o उदाहरण:
§ चंद्रयान और मंगलयान (ISRO द्वारा निर्मित)।
§ PSLV और GSLV रॉकेट।
10.बुनियादी
ढांचा और निर्माण
o उत्पाद: सीमेंट, स्टील, मशीनरी।
o उदाहरण:
§ टाटा स्टील और JSW स्टील उत्पाद।
§ एलएंडटी (L&T) की निर्माण मशीनरी।
मेक इन इंडिया उत्पादों की विशेषताएं
- ये
उत्पाद भारत में निर्मित होते हैं, चाहे स्वदेशी कंपनियों द्वारा हों
या विदेशी कंपनियों द्वारा जो भारत में कारखाने स्थापित करती हैं।
- "मेक इन इंडिया" का फोकस स्थानीय संसाधनों और श्रम का उपयोग करके
उत्पादन बढ़ाना है।
- कई
उत्पाद अब "मेड इन इंडिया" के तौर पर निर्यात किए जा रहे हैं, जैसे
मोबाइल फोन और दवाएं।
कुछ उल्लेखनीय सफलताएं
- मोबाइल फोन: 2014 में भारत में केवल 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थीं, जो अब 200 से अधिक हो गई हैं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता
है।
- रक्षा निर्यात: 2023-24 में रक्षा उत्पादों का
निर्यात 21,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा।
- इलेक्ट्रिक वाहन: ओला, एथर, और टाटा जैसे ब्रांड्स भारत में EV बना
रहे हैं।
इन्हें जरुर पढ़े:-
यदि आपको Excited Indian टीम से किसी भी प्रकार की जानकारी या मदद चाहिये तो आप हमें नीचे Comment में पुछ सकते है। Excited Indian परिवार आपके लिए हमेशा तैयार है। और अगर आपको यह Article अच्छा लगा या आपको इससे कुछ सिखने को मिला तो Please आप इसे Share जरुर करेंं। धन्यवाद ...